A Simple Key For bhoot wala kahani Unveiled
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जैसे ही पहलवान ने लोहे का डंडा पेड़ पीपल के पेड़ पर मारा तो, पीपल के पेड़ से भूत नीचे उतर आए और पहलवान से लड़ाई झगड़ा करने लगे।
एक रात, गाँव का एक युवक, राजा की आत्मा से मिलने का निर्णय करता है। उसने सुना था कि अगर कोई व्यक्ति रात के समय में उस कब्र के पास जाता है तो राजा की आत्मा से मिल सकता है और वह उसे कुछ अद्भूत रहस्य बता सकता है।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ये मैंने अभी क्या देखा है?
जब वे दौड़कर वहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि वहाँ पर उनका बेटा नहीं था।
भूत वाली कहानी बच्चों के नटखटपन को न सिर्फ कंट्रोल कर सकती हैं, बल्कि डरपोक किस्म के बच्चों में थोड़ा साहस भरने का काम भी कर सकती हैं।
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चरवाहा : सरकार… सरकार… उसने मेरे सामने ही मेरे बकरी को गायब कर दिया.. उसने मेरे बकरी को कुए के अंदर खींच लिया..
" दादी गिर जाएंगी। कोई पकड़ो। दादी गिर जाएंगी। पकड़ो उन्हें" कहके वह चिल्ला रहा था और माँ उसके पास गई और उसकी पीठ टप टपाकर बोली,
गाँव में वापस आकर उस बच्चे का नाम जल्दी ही गाँववालों ने सुना था और उसको सभी बच्चों का दोस्त बना लिया। उसका आना गाँव में बहुत ही खुशियों का कारण बन गया था।
मुखिया : तो यह बात है अभी के अभी धनिया को पकड़ कर लेकर आओ.. और फिर कुछ ही देर मैं दो पहरेदार धनिया को लेकर आते हैं.
सोनू : अब मैं समझा.! इस कुएं में कोई भी भूत नहीं है.
पहलवान ताड़ के वृक्ष को अपना लक्ष्य बनाकर उसके पास पहुंचे जाता है। वहां पहले से एक झोपड़ी थी, जिसके अंदर एक महिला और एक बच्चा था। पहलवान ने झोपड़ी के बाहर जाकर आवाज लगाई। महिला को समझ में नहीं आया कि यह व्यक्ति कौन है।
और जैसा की आप जानते हो, गाँव में लोग जल्दी ही सो जाया करते हैं तो वैसा ही था। पूरा गाँव सुनसान पड़ा था। ऐसा लग रहा था मानो जैसे गाँव नहीं कोई जंगल में आ गया हूँ। मुझे अब थोड़ा डर लगने लगा। मैं बस भगवान से प्राथना कर रहा था कि जल्दी से घर पहुँच जाऊँ, पर मेरा घर थोड़ा दूर था। लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे मेरा दोस्त सोमधर मिला।
पहलवान के प्रहार से भूतों के गुरु की कई हड्डियां टूट जाती हैं और check here वह अपने असली रूप में आकर अपनी जान बख्शने का निवेदन करने लगता है। मोहन ने भूतों के गुरु को छोड़ने पर खुद के लिए सजा चुनने के लिए कहा। ऐसे में भूतों के गुरु ने कहा कि उसे बख्शने पर वह राशन की मात्रा दोगुनी कर देगा। भूतों के गुरु की इस बात पर कुछ देर विचार करने के बाद पहलवान उसे छोड़ देता है।